WorldNews.Forum

2025 की टीवी की 'सर्वश्रेष्ठ' सूचियाँ झूठ हैं: असली विजेता और हारने वाले कौन हैं?

By Anvi Khanna • December 17, 2025

2025 की टीवी की 'सर्वश्रेष्ठ' सूचियाँ झूठ हैं: असली विजेता और हारने वाले कौन हैं?

हर साल, जैसे ही कैलेंडर पलटता है, मीडिया आउटलेट सर्वश्रेष्ठ टीवी शो की सूचियाँ जारी करते हैं। USA Today से लेकर आपके पसंदीदा ब्लॉग तक, सब एक ही शोर मचा रहे हैं। लेकिन क्या हमने कभी पूछा है: सर्वश्रेष्ठ टीवी शो का मतलब क्या है? क्या यह सिर्फ उच्च रेटिंग है, या यह वह सामग्री है जो सचमुच संस्कृति को बदल रही है? मेरा मानना है कि 2025 की ये सूचियाँ एक भ्रम हैं, जो सिर्फ बड़े बजट के स्टूडियो को खुश करने के लिए बनाई गई हैं। असली कहानी कहीं और छिपी है।

इस साल, हम एक अजीब विरोधाभास देख रहे हैं। एक तरफ, बड़े स्टूडियो भारी भरकम साइंस फिक्शन और रीबूट्स पर अरबों खर्च कर रहे हैं। ये शो तकनीकी रूप से शानदार हो सकते हैं, लेकिन वे सांस्कृतिक रूप से खोखले हैं। ये 'सर्वश्रेष्ठ' माने जा रहे हैं क्योंकि इनके मार्केटिंग बजट सबसे बड़े हैं। यह मनोरंजन उद्योग की एक पुरानी चाल है: शोर मचाओ, गुणवत्ता को नजरअंदाज करो।

असली क्रांति: 'मिड-टियर' की जीत

असली गेम-चेंजर वे छोटे, बोल्ड शो हैं जो किसी बड़े स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के विशाल पुस्तकालय में दब गए हैं। 2025 की टीवी समीक्षा का अनदेखा सच यह है कि सबसे साहसी लेखन अब उन प्लेटफार्मों पर हो रहा है जो अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। ये शो जोखिम ले रहे हैं, वे सामाजिक टिप्पणी कर रहे हैं, और वे दर्शकों को चुनौती दे रहे हैं। बड़े नेटवर्क 'सुरक्षित' कंटेंट पर टिके हुए हैं, जबकि छोटे खिलाड़ी रचनात्मक स्वतंत्रता का लाभ उठा रहे हैं। यह एक क्लासिक बाजार विफलता है जहाँ नवाचार (Innovation) हाशिये पर धकेल दिया गया है।

उदाहरण के लिए, एक शो जिसने आलोचकों को प्रभावित किया (लेकिन शायद मुख्यधारा के दर्शकों तक नहीं पहुंचा) उसने दिखाया कि कैसे क्षेत्रीय राजनीति वास्तव में काम करती है। यह वह सामग्री है जो हमें दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती है, न कि सिर्फ पलायनवाद (Escapism) प्रदान करती है। यह सामग्री सर्वश्रेष्ठ टीवी शो की परिभाषा को चुनौती देती है।

क्यों यह मायने रखता है: स्ट्रीमिंग युद्धों का मंदी

हम स्ट्रीमिंग युद्धों के 'मंदी' चरण में प्रवेश कर चुके हैं। जब हर प्लेटफॉर्म को हिट शो की जरूरत होती है, तो वे गुणवत्ता पर मात्रा को प्राथमिकता देते हैं। यह ओवरसैचुरेशन (अतिसंतृप्ति) पैदा करता है। दर्शक अब थक चुके हैं। वे जानते हैं कि हर 'एपिक' सीरीज़ का मतलब केवल सब्सक्रिप्शन बनाए रखना है। इस माहौल में, जो शो वास्तव में अलग खड़े होते हैं, वे अक्सर छोटे बजट वाले या विशिष्ट दर्शकों के लिए बने होते हैं।

यह मनोरंजन उद्योग के लिए एक चेतावनी है। अगर वे केवल सुरक्षित दांव लगाते रहे, तो दर्शक अंततः 'फ्री' कंटेंट या फिर से क्लासिक्स की ओर रुख करेंगे। यह सिर्फ टीवी नहीं है; यह मीडिया उपभोग के पैटर्न में एक बड़ा बदलाव है। (संदर्भ के लिए, मीडिया उपभोग पैटर्न पर एक विस्तृत रिपोर्ट यहां मिल सकती है: Reuters)

आगे क्या होगा? भविष्य की भविष्यवाणी

मेरी भविष्यवाणी स्पष्ट है: 2026 तक, हम देखेंगे कि कई बड़े बजट के शो जो इस साल 'सर्वश्रेष्ठ' माने जा रहे हैं, उन्हें रद्द कर दिया जाएगा क्योंकि वे अपेक्षित ROI (निवेश पर रिटर्न) नहीं देंगे। इसके विपरीत, छोटे, आलोचनात्मक रूप से प्रशंसित शो को 'कल्ट क्लासिक्स' का दर्जा मिलेगा और वे अंततः बड़े नेटवर्क को अपनी रचनात्मकता का रास्ता बदलने के लिए मजबूर करेंगे। सर्वश्रेष्ठ टीवी शो की परिभाषा व्यक्तिगत अनुभव से अधिक जुड़ी होगी, न कि सामूहिक प्रचार से। हम 'गुणवत्ता' के बजाय 'प्रामाणिकता' की ओर बढ़ रहे हैं।

सच्ची सफलता उन शो में निहित है जो दर्शकों को असहज करते हैं, न कि उन्हें केवल मनोरंजन प्रदान करते हैं। टीवी समीक्षा को अब मार्केटिंग ऑडिट होना बंद करना होगा और वास्तविक कलात्मक मूल्यांकन बनना होगा।