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उद्देश्य-संचालित उद्यमिता: क्या यह सिर्फ एक आकर्षक नारा है या वास्तव में व्यवसाय का भविष्य?

By Aarohi Joshi • December 15, 2025

उद्देश्य-संचालित उद्यमिता: क्या यह सिर्फ एक आकर्षक नारा है या वास्तव में व्यवसाय का भविष्य?

आजकल हर तरफ उद्यमिता (Entrepreneurship) की बातें हो रही हैं, लेकिन अब फोकस बदल गया है। अब केवल मुनाफा कमाना काफी नहीं है। चर्चा का केंद्र बन गया है - उद्देश्य-संचालित उद्यमिता (Purpose-Driven Entrepreneurship)। यह वह विचार है जहाँ आपका व्यवसाय केवल पैसा बनाने के लिए नहीं, बल्कि किसी बड़े सामाजिक या पर्यावरणीय उद्देश्य को पूरा करने के लिए मौजूद है। लेकिन रुकिए। एक खोजी पत्रकार के रूप में, मेरा सवाल यह है: क्या यह वास्तव में एक क्रांति है, या यह केवल मार्केटिंग का एक नया, अधिक आकर्षक रूप है जो उपभोक्ताओं को फंसाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है? हमने इस ट्रेंड को सतह पर देखा है, अब इसकी गहराई में उतरने का समय है।

अनकहा सच: उद्देश्य की कीमत

सतही तौर पर, उद्देश्य-संचालित व्यवसाय शानदार लगते हैं। वे कर्मचारियों को प्रेरित करते हैं, उपभोक्ताओं को आकर्षित करते हैं जो नैतिक रूप से खरीदारी करना चाहते हैं, और उन्हें मीडिया कवरेज आसानी से मिल जाता है। लेकिन यहाँ वह बात है जिसे अधिकांश लोग नज़रअंदाज़ करते हैं: उद्देश्य की लागत। वास्तविक व्यापार रणनीति (Business Strategy) में, उद्देश्य को अक्सर मुनाफा कमाने के रास्ते में बाधा के रूप में देखा जाता है। जब आर्थिक मंदी आती है, तो कौन सा ब्रांड पहले बलिदान होता है - वह जो केवल मुनाफा कमाता है या वह जो 'दुनिया को बेहतर बनाने' का दावा करता है? इतिहास बताता है कि संकट के समय, उद्देश्य अक्सर पहली चीज होती है जिसे बैलेंस शीट को बचाने के लिए कम किया जाता है। यह पूंजीवाद की कठोर सच्चाई है। यह केवल उन शुरुआती निवेशकों के लिए एक शानदार विक्रय बिंदु हो सकता है जो ESG (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) मेट्रिक्स को खुश करना चाहते हैं।

असली विजेता वे बड़े निगम हैं जो इस ट्रेंड को अपना रहे हैं, लेकिन केवल सतही तौर पर। वे 'ग्रीनवाशिंग' या 'पर्पस-वॉशिंग' के माध्यम से अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाते हैं, जबकि उनके मूल संचालन में कोई सार्थक बदलाव नहीं आता। सच्चा नवाचार (Innovation) अक्सर उन छोटे उद्यमियों से आता है जो उद्देश्य को अपने डीएनए में बुनते हैं, न कि बड़ी कंपनियों से जो इसे एक विभाग के रूप में जोड़ती हैं।

गहन विश्लेषण: यह क्यों मायने रखता है?

यह सिर्फ नैतिकता का सवाल नहीं है; यह बाजार की शक्ति का सवाल है। युवा पीढ़ी (मिलेनियल्स और जेन-जेड) ब्रांडों के प्रति अधिक जागरूक हैं। वे अब केवल उत्पाद नहीं खरीद रहे हैं; वे उस कहानी और मूल्यों को खरीद रहे हैं जिसका वे समर्थन करते हैं। यह एक बड़ा बदलाव है जिसने पारंपरिक विपणन को अप्रचलित कर दिया है। अब, उद्यमी (Entrepreneur) को अपने 'क्यों' को अपने 'क्या' से अधिक मजबूत बनाना होगा। यह बदलाव बाजार में एक स्थायी विभाजन पैदा कर रहा है: वे जो अनुकूलन करते हैं और वे जो अप्रासंगिक हो जाते हैं। यह 1990 के दशक में इंटरनेट को अपनाने जैसा है - या तो आप इसे अपनाते हैं, या आप गायब हो जाते हैं। अधिक जानकारी के लिए, आप कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के विकसित होते दर्शन को देख सकते हैं [https://www.reuters.com/](https://www.reuters.com/)।

भविष्य का पूर्वानुमान: आगे क्या होगा?

मेरा बोल्ड अनुमान यह है: अगले पांच वर्षों में, 'उद्देश्य-संचालित' शब्द गायब हो जाएगा। यह इतना सर्वव्यापी हो जाएगा कि यह एक अनावश्यक विशेषण बन जाएगा। हर सफल व्यवसाय को अंतर्निहित रूप से उद्देश्यपूर्ण होना पड़ेगा, अन्यथा उसे बाजार से बाहर कर दिया जाएगा। हम एक ऐसे चरण में प्रवेश कर रहे हैं जहाँ व्यावसायिक मॉडल (Business Model) को लाभ और उद्देश्य के बीच एक कठोर संतुलन बनाना होगा। जो कंपनियां इसे आज 'नैतिकता' के रूप में बेच रही हैं, वे कल 'बुनियादी आवश्यकता' के रूप में बेची जाएंगी। असफलता तब होगी जब उद्देश्य और लाभ के बीच संघर्ष को हल करने के लिए कोई स्पष्ट तंत्र नहीं होगा। यह एक टू-टियर इकोनॉमी बनाएगा: वे जो दिखावा करते हैं, और वे जो वास्तव में इसे जीते हैं।

यह केवल एक अच्छा विचार नहीं है; यह उत्तरजीविता का एक नया नियम है। यदि आप आज एक नया स्टार्टअप (Startup) शुरू कर रहे हैं, तो आपका मिशन स्टेटमेंट ही आपकी सबसे बड़ी मार्केटिंग संपत्ति होगी।