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कीयर स्टारमर से लेकर रैडॉन लिज़ तक: वैकल्पिक राजनीति के पुरस्कारों में छिपा असली खेल क्या है?

By Aarav Gupta • December 19, 2025

कीयर स्टारमर से लेकर रैडॉन लिज़ तक: वैकल्पिक राजनीति के पुरस्कारों में छिपा असली खेल क्या है?

जब 'द गार्डियन' जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशन वैकल्पिक राजनीति पुरस्कारों की सूची जारी करते हैं, तो यह खबर कम और एक गहरा मनोवैज्ञानिक संकेत ज़्यादा होता है। यह पुरस्कार समारोह (जिसमें कीयर स्टारमर को 'एलियट नेस' और 'रैडॉन लिज़' को यूट्यूब स्टार बताया गया) महज़ एक हल्के-फुल्के व्यंग्य से कहीं ज़्यादा है। यह इस बात का प्रमाण है कि मुख्यधारा की ब्रिटिश राजनीति (British Politics) कितनी खोखली हो चुकी है। हम यहां राजनीतिक विमर्श (Political Discourse) के पतन और नए युग के उदय की बात कर रहे हैं, जिसे मीडिया नज़रअंदाज़ कर रहा है।

द अनस्पोकन ट्रुथ: विफलता का उत्सव

इन पुरस्कारों का असली विजेता कौन है? यह कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि वैकल्पिक राजनीति (Alternative Politics) का उदय है। जब स्थापित नेता (जैसे स्टारमर) को किसी पुरानी, लगभग पुरातन नैतिक नायक (एलियट नेस) के रूप में चित्रित किया जाता है, तो इसका मतलब है कि वर्तमान नेतृत्व में कोई मौलिक आकर्षण या नई दृष्टि नहीं है। वे केवल अतीत के अवशेषों को दोहरा रहे हैं।

दूसरी ओर, 'रैडॉन लिज़' जैसे यूट्यूब व्यक्तित्वों का उभार दिखाता है कि जनता का विश्वास संस्थानों से उठकर व्यक्तिगत, अनफ़िल्टर्ड डिजिटल आवाज़ों पर जा रहा है। ये 'वैकल्पिक' चेहरे अक्सर पारंपरिक मीडिया द्वारा सेंसर किए गए या उपेक्षित किए गए मुद्दों को उठाते हैं। यह मीडिया का विखंडन नहीं है; यह सत्ता की विश्वसनीयता का पूर्ण पतन है। जनता अब पॉलिश किए गए भाषणों के बजाय कच्चे आक्रोश को प्राथमिकता दे रही है।

गहरा विश्लेषण: संस्कृति युद्ध का नया मोर्चा

यह केवल ब्रिटेन की राजनीति तक सीमित नहीं है। दुनिया भर में, हम देख रहे हैं कि युवा मतदाता और असंतुष्ट वर्ग मुख्यधारा की पार्टियों को 'पहचान-रहित' (Identity-less) और 'अविश्वसनीय' मानते हैं। ये पुरस्कार समारोह एक सांस्कृतिक बैरोमीटर हैं। वे दर्शाते हैं कि सार्वजनिक ध्यान अब संसद की बहस से हटकर टिकटॉक और यूट्यूब की गलियों में स्थानांतरित हो गया है। जिन लोगों को पुरस्कार मिल रहे हैं, वे अक्सर राजनीतिक तंत्र के बाहर से आते हैं, जिसका अर्थ है कि आम जनता अब समाधान के लिए सत्ता के गलियारों के बाहर देख रही है। यह राजनीतिक सक्रियता का डी-सेंट्रलाइज़ेशन है। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति भी है, क्योंकि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अक्सर तथ्य-जांच (Fact-checking) की कमी होती है, जैसा कि कई अध्ययनों में उजागर हुआ है।

भविष्यवाणी: आगे क्या होगा?

अगले पांच वर्षों में, हम देखेंगे कि मुख्यधारा की पार्टियां इन 'वैकल्पिक आवाज़ों' को या तो पूरी तरह से नज़रअंदाज़ करेंगी (जो उनकी प्रासंगिकता को और कम करेगा) या उन्हें बेतरतीब ढंग से अपनाने की कोशिश करेंगी, जिससे वे और भी अधिक पाखंडी दिखेंगी। मेरा मानना है कि 2027 तक, यूके में एक नई पार्टी का उदय होगा जो इन डिजिटल असंतोषों को सफलतापूर्वक एक संगठित राजनीतिक शक्ति में बदल देगी। यह पार्टी पारंपरिक विचारधाराओं (लेफ्ट/राइट) से मुक्त होगी, लेकिन यह चरमपंथ की ओर झुक सकती है क्योंकि इसका आधार भावनाओं और असंतोष पर बना होगा, न कि ठोस नीति पर। यह राजनीतिक अस्थिरता (Political Instability) को बढ़ाएगा।

यह पुरस्कार समारोह उत्सव नहीं है; यह एक चेतावनी है कि राजनीतिक वर्ग जनता से कितना कट चुका है।