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जॉर्जिया मेलोनी: इटली में स्थिरता या सिर्फ एक खतरनाक भ्रम? पर्दे के पीछे की सच्चाई

By Aarav Gupta • December 15, 2025

जॉर्जिया मेलोनी: इटली में स्थिरता या सिर्फ एक खतरनाक भ्रम?

क्या जॉर्जिया मेलोनी का उदय वास्तव में इटली की राजनीति में एक नए, स्थिर युग का संकेत है, जैसा कि कुछ रिपोर्टें दावा कर रही हैं? **इतालवी राजनीति** की अस्थिरता के इतिहास को देखते हुए, यह दावा उतना ही आकर्षक है जितना कि खतरनाक रूप से भोला। हम आपको बता रहे हैं कि यह सिर्फ एक सतही अवलोकन है। असली खेल कहीं और चल रहा है।

खबर यह है कि मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी ने जीत दर्ज की है, जो दशकों में देश की सबसे दक्षिणपंथी सरकार है। विश्लेषकों का ध्यान उनके 'स्थिरता' के वादों पर है। लेकिन एक **वैश्विक राजनीति** विशेषज्ञ के रूप में, मैं कहता हूँ: स्थिरता का मतलब अक्सर यथास्थिति को बनाए रखना होता है, और मेलोनी की विचारधारा यथास्थिति को चुनौती देने वाली है, भले ही वह यूरोपीय संघ के साथ सावधानी बरत रही हों। असली सवाल यह नहीं है कि वह कितनी स्थिर हैं, बल्कि यह है कि उनकी स्थिरता की कीमत कौन चुकाएगा।

अनकहा सच: असली विजेता और हारने वाले

हर राजनीतिक बदलाव में, कुछ लोग हमेशा जीतते हैं और कुछ हमेशा हारते हैं। मेलोनी की जीत का सबसे बड़ा लाभार्थी शायद खुद मेलोनी हैं, जिन्होंने एक मजबूत, राष्ट्रीय पहचान की भावना बेची है। लेकिन असली अप्रत्याशित विजेता **यूरोपीय संघ** के वे रूढ़िवादी दल हैं जो अब महसूस कर रहे हैं कि वे रोम में एक मजबूत सहयोगी पा सकते हैं।

लेकिन हारने वाले कौन हैं? पहला, इटली के उदारवादी प्रतिष्ठान, जिन्हें लगा था कि वे यूरोपीय संघ के समर्थन से नियंत्रण बनाए रख सकते हैं। दूसरा, और यह सबसे महत्वपूर्ण है: इटली के युवा और अप्रवासी। मेलोनी का कड़ा रुख आप्रवासन और सामाजिक सुधारों पर स्पष्ट है। यह स्थिरता नहीं है; यह एक विचारधारा का कठोर कार्यान्वयन है, जो अल्पसंख्यकों के लिए अनिश्चितता पैदा करता है। यह स्थिरता केवल उन लोगों के लिए है जो उनकी राष्ट्रवादी दृष्टि से सहमत हैं। यह एक 'चयनित स्थिरता' है।

गहरा विश्लेषण: आर्थिक निहितार्थ और भू-राजनीति

मेलोनी को विरासत में एक नाजुक अर्थव्यवस्था मिली है, जो कोविड-19 राहत कोष पर बहुत अधिक निर्भर है। उनका दावा है कि वह यूरोपीय संघ के नियमों का पालन करेंगी, लेकिन उनकी लोकलुभावन अपील उन्हें बड़े पैमाने पर खर्च करने के लिए मजबूर कर सकती है। यह एक आर्थिक दोराहा है। यदि वह ब्रुसेल्स के साथ टकराव करती हैं, तो बाजार में घबराहट होगी। यदि वह बहुत अधिक झुकती हैं, तो उनका मतदाता आधार उनसे दूर हो जाएगा। यह एक बारीक संतुलन है जो किसी भी समय बिगड़ सकता है।

भू-राजनीतिक रूप से, मेलोनी का रुख रूस के प्रति थोड़ा नरम रहा है, हालांकि यूक्रेन युद्ध में वह पश्चिमी गठबंधन के साथ खड़ी हैं। लेकिन उनका मुख्य ध्यान भूमध्य सागर पर चीन के बढ़ते प्रभाव को नियंत्रित करने पर होगा। यह क्षेत्र अब अमेरिका और चीन के बीच एक नया मोर्चा बन रहा है, और इटली की स्थिति इस वैश्विक शक्ति संतुलन को बदल सकती है। यह केवल इटली का मामला नहीं है; यह पश्चिमी गठबंधन की एकजुटता की परीक्षा है। (स्रोत: Reuters)

भविष्य की भविष्यवाणी: 'द ग्रेट इटालियन डिसएंगेजमेंट'

मेरा बोल्ड पूर्वानुमान यह है: अगले 18 महीनों के भीतर, मेलोनी सरकार यूरोपीय संघ के साथ सार्वजनिक रूप से कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर भिड़ेगी, खासकर बजटीय अनुशासन और ऊर्जा नीति पर। यह कोई पूर्ण 'इट्क्सिट' नहीं होगा, बल्कि 'द ग्रेट इटालियन डिसएंगेजमेंट' होगा—एक क्रमिक, असहज दूरी जो ब्रुसेल्स को कमजोर करेगी। मेलोनी स्थिरता का वादा करेंगी, लेकिन अस्थिरता पैदा करेंगी क्योंकि वह इतालवी संप्रभुता को यूरोपीय नियमों से ऊपर रखेंगी। यह तनाव अंततः इतालवी बॉन्ड बाजारों को प्रभावित करेगा।

यह नया युग स्थिरता का नहीं, बल्कि 'नियंत्रित घर्षण' का है।

तस्वीर का संदर्भ

मुख्य निष्कर्ष (TL;DR)