यह सिर्फ एक रेसिपी नहीं है; यह आपका किचन है जो अब डेटा माइनिंग का नया मोर्चा बन चुका है। जब पिंटरेस्ट (Pinterest) ने वॉलमार्ट (Walmart) के साथ मिलकर 'शॉपेबल रेसिपी' (Shoppable Recipes) फीचर लॉन्च किया, तो मीडिया ने इसे सुविधा का नया अध्याय बताया। लेकिन एक इन्वेस्टिगेटिव पत्रकार के तौर पर, मैं पूछता हूँ: असली विजेता कौन है? यह सिर्फ किराने का सामान खरीदने की सुविधा नहीं है; यह उपभोक्ता व्यवहार पर नियंत्रण हासिल करने की एक सुनियोजित रणनीति है।
टारगेट कीवर्ड्स: 'शॉपेबल रेसिपी', 'ई-कॉमर्स भविष्य', और 'पिंटरेस्ट रणनीति'।
दिखावा बनाम वास्तविकता: सुविधा का भ्रम
पिंटरेस्ट हमेशा से 'विचारों की खोज' का मंच रहा है। लोग प्रेरणा के लिए आते हैं। अब, प्रेरणा को तत्काल खरीदारी में बदलना इसका अंतिम लक्ष्य है। वॉलमार्ट के साथ साझेदारी इस इकोसिस्टम को बंद करने का पहला कदम है। पहले, आप एक स्वादिष्ट दिखने वाली डिश देखते थे, उसकी सामग्री नोट करते थे, और फिर किसी अन्य ग्रॉसरी ऐप या स्टोर पर जाते थे। अब, 'खरीदें' बटन बस एक क्लिक दूर है। यह सुविधा है, लेकिन यह डेटा-संचालित एकाधिकार की ओर एक कदम है। उपभोक्ता अब सिर्फ 'प्रेरित' नहीं हो रहा है; उसे 'ट्रैक' किया जा रहा है। यह 'ई-कॉमर्स भविष्य' का एक सूक्ष्म लेकिन शक्तिशाली प्रदर्शन है। (संदर्भ के लिए, ई-कॉमर्स के विकास पर रॉयटर्स की रिपोर्ट देखें)।
अनकहा सच: वॉलमार्ट सिर्फ एक प्यादा
हर कोई वॉलमार्ट की जीत पर ध्यान केंद्रित कर रहा है—कि उन्हें सीधे लाखों किचन में प्रवेश मिल गया है। लेकिन असली जीत पिंटरेस्ट की है। पिंटरेस्ट को हमेशा फेसबुक या टिकटॉक जैसी सोशल मीडिया दिग्गजों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा है जो विज्ञापन राजस्व में भारी हिस्सेदारी ले जाते हैं। 'शॉपेबल रेसिपी' फीचर पिंटरेस्ट को केवल विज़ुअल सर्च इंजन से बदलकर एक संपूर्ण ट्रांजैक्शनल प्लेटफॉर्म बना देता है।
असली विजेता पिंटरेस्ट का एल्गोरिथम है। वे अब केवल यह नहीं जानते कि आपको क्या पसंद है; वे जानते हैं कि आप क्या पकाते हैं, कितनी बार पकाते हैं, और आपके किचन में कौन से ब्रांड प्रवेश करते हैं। यह अभूतपूर्व फ़ाइन-ग्रेन्ड डेटा है, जो विज्ञापनदाताओं के लिए सोने की खान है। वॉलमार्ट को शायद बेहतर मार्जिन या अधिक बिक्री का वादा किया गया होगा, लेकिन पिंटरेस्ट डेटा की अदला-बदली में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। यह 'पिंटरेस्ट रणनीति' स्पष्ट है: अपनी उपयोगकर्ता गतिविधि को बिक्री में बदलना, जिससे वे विज्ञापनदाताओं के लिए और अधिक मूल्यवान बन जाते हैं। यह एक नया प्रकार का 'प्लेटफ़ॉर्म कैपिटलिज्म' है। (प्लेटफ़ॉर्म अर्थव्यवस्था की परिभाषा के लिए विकिपीडिया देखें)।
गहरा विश्लेषण: संस्कृति पर प्रभाव
जब खरीदारी इतनी सहज हो जाती है, तो उपभोक्ता का निर्णय लेने का पैटर्न बदल जाता है। क्या हम अब स्वाद या पोषण के आधार पर खाना चुनेंगे, या सिर्फ इसलिए कि वह 'सबसे आसान' विकल्प था? यह सुविधा की लत है जो स्थानीय किराना स्टोरों और छोटे खाद्य ब्रांडों के लिए खतरा पैदा करती है जो इस डिजिटल सप्लाई चेन में फिट नहीं हो पाते। यह एक ऐसा डिजिटल गेटवे बना रहा है जहाँ केवल वॉलमार्ट जैसी विशालकाय कंपनियां ही तेज़ी से आपूर्ति कर सकती हैं।
भविष्य की भविष्यवाणी: 'हर पिन शॉपिंग कार्ट' की कीमत
मेरा बोल्ड अनुमान है: अगले 18 महीनों में, पिंटरेस्ट लगभग हर प्रमुख रिटेलर (शायद अमेज़ॅन भी) के साथ इसी तरह की डीप इंटीग्रेशन करेगा। लेकिन असली गेम चेंजर होगा 'प्रिसिजन कूपनिंग'। चूंकि पिंटरेस्ट जानता है कि आपने एक विशिष्ट थाई करी रेसिपी सेव की है, तो अगली बार जब आप उस पेज पर जाएंगे, तो आपको तुरंत वॉलमार्ट या किसी अन्य पार्टनर से उस रेसिपी के लिए विशेष मसाले पर 20% की छूट मिलेगी। यह इतना व्यक्तिगत होगा कि यह लगभग डरावना लगेगा। यह 'शॉपेबल रेसिपी' सुविधा सिर्फ शुरुआत है; यह संपूर्ण डिजिटल जीवन को एक सतत, सहज खरीदारी यात्रा में बदलने की दिशा में एक कदम है। (न्यूयॉर्क टाइम्स की भविष्य की तकनीक पर रिपोर्ट)।
अंततः, पिंटरेस्ट एक सोशल प्लेटफॉर्म से एक 'डिमांड जनरेशन इंजन' बन रहा है। सवाल यह नहीं है कि आप क्या पिन करते हैं, बल्कि यह है कि वे आपसे क्या खरीदते हैं।