मंगल पर जीवन की खोज: क्या यह सिर्फ विज्ञान है या भू-राजनीतिक शतरंज की बिसात?
क्या हम सच में मंगल ग्रह (Mars Life Search) पर जीवन की तलाश को लेकर इतने उत्साहित हैं, जितना हमें दिखाया जा रहा है? नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंजीनियरिंग, एंड मेडिसिन की हालिया रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि मनुष्यों के पहले मंगल लैंडिंग का प्राथमिक लक्ष्य 'जीवन की खोज' होना चाहिए। यह एक भव्य वैज्ञानिक घोषणा लगती है, लेकिन एक खोजी पत्रकार के रूप में, हम सतह के नीचे देखते हैं। यह सिर्फ चट्टानों और माइक्रोबियल संकेतों के बारे में नहीं है; यह वैश्विक प्रभुत्व, तकनीकी श्रेष्ठता और अरबों डॉलर के भविष्य के बारे में है।
हम मंगल मिशन (Mars Mission) की बात कर रहे हैं, जहां हर कदम पर खरबों डॉलर खर्च होते हैं। जब नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां 'जीवन की खोज' को प्राथमिकता बताती हैं, तो इसका मतलब है कि वे सबसे बड़ा, सबसे आकर्षक और सबसे अधिक धन आकर्षित करने वाला लक्ष्य चुन रहे हैं। यह एक ऐसा लक्ष्य है जो जनता की कल्पना को उत्तेजित करता है और कांग्रेस की जेबें खोलता है। विडंबना यह है कि जो टीमें भूविज्ञान (Geology) या ग्रह रक्षा (Planetary Defense) पर काम कर रही हैं, उन्हें शायद कम फंडिंग मिले, क्योंकि 'क्या हम अकेले हैं?' सवाल का जवाब देने से अधिक राजनीतिक लाभ मिलता है।
वह अनकही सच्चाई: कौन जीतता है, कौन हारता है?
इस घोषणा का वास्तविक विजेता कौन है? यह निश्चित रूप से वैज्ञानिक समुदाय का एक विशिष्ट वर्ग है, जिन्हें अब अभूतपूर्व धन और संसाधन प्राप्त होंगे। वे जो उपकरण मंगल पर ले जाएंगे—अत्यधिक संवेदनशील बायोसिग्नेचर डिटेक्टर—वे पृथ्वी पर भी क्रांतिकारी तकनीक ला सकते हैं। हारने वाले कौन हैं? वे वैज्ञानिक अनुशासन जो इस 'जीवन की खोज' की चमक में फीके पड़ जाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि मानव दल को जीवन के किसी भी प्रमाण को खोजने के लिए सीमित समय मिलता है, तो वे शायद जलवायु परिवर्तन के दीर्घकालिक अध्ययन या मंगल ग्रह के टेक्टोनिक्स (Tectonics) जैसे महत्वपूर्ण लेकिन कम रोमांचक क्षेत्रों की अनदेखी करेंगे।
यह भू-राजनीतिक शतरंज की बिसात है। चीन और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष दौड़ फिर से शुरू हो गई है। मंगल पर जीवन की खोज का नेतृत्व करने वाला राष्ट्र न केवल वैज्ञानिक रूप से, बल्कि वैचारिक रूप से भी दुनिया का नेतृत्व करने का दावा करेगा। यह 'सॉफ्ट पावर' का शिखर है। यदि अमेरिका पहले जीवन ढूंढता है, तो यह उनके तकनीकी कौशल का एक अमिट प्रमाण होगा। यह एक ऐसा 'पेटेंट' है जिसे कोई चुनौती नहीं दे सकता।
भविष्य की भविष्यवाणी: डेटा बनाम उपनिवेशीकरण
आगे क्या होगा (Future of Mars Exploration)? मेरी भविष्यवाणी स्पष्ट है: पहले मानव मिशन पर जीवन की खोज के लिए अत्यधिक दबाव के बावजूद, हमें शायद ही कोई ठोस प्रमाण मिलेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि मानव मिशनों को तेजी से वापस आना होगा, और वे शायद उन प्राचीन, गहरे स्थानों तक नहीं पहुंच पाएंगे जहां जीवन के अवशेष हो सकते हैं। इसके बजाय, यह मिशन 'जीवन के निशान' खोजने के बजाय 'भविष्य के उपनिवेशीकरण' की नींव रखने पर अधिक केंद्रित होगा। वैज्ञानिक उपकरण सिर्फ एक आकर्षक आवरण होंगे।
अगले दशक में, हम देखेंगे कि जीवन की खोज के नाम पर अरबों डॉलर खर्च होंगे, लेकिन अंततः, वास्तविक ध्यान मंगल पर स्थायी मानव उपस्थिति स्थापित करने पर केंद्रित होगा। जीवन की खोज एक शानदार शुरुआती बिंदु है, लेकिन मानव विस्तार ही अंतिम लक्ष्य है। यह रिपोर्ट सिर्फ एक एजेंडा सेट करती है; यह वास्तविक शक्ति संघर्ष को छिपाती है।
हमें यह याद रखना होगा कि मंगल पर किसी भी खोज का असर पृथ्वी पर हमारे समाज, दर्शन और यहां तक कि धर्म पर भी पड़ सकता है। लेकिन इससे पहले कि हम ब्रह्मांडीय भाईचारे का जश्न मनाएं, हमें यह समझना होगा कि इस खोज के पीछे कौन सी शक्तियां काम कर रही हैं।