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हिंटन की डिग्री वाली सलाह: वह सच जो CS ग्रेजुएट्स से छिपाया जा रहा है!

By Aarohi Joshi • December 10, 2025

क्या कंप्यूटर साइंस की डिग्री वाकई 'हमेशा' प्रासंगिक रहेगी? जेफ्री हिंटन, जिन्हें 'AI का गॉडफादर' कहा जाता है, ने हाल ही में इंजीनियरों को दिलासा दिया है कि उनकी CS डिग्री का महत्व बना रहेगा। लेकिन रुकिए। एक विश्व-प्रसिद्ध वैज्ञानिक का यह बयान केवल सांत्वना है या एक गहरी व्यावसायिक रणनीति? यह लेख केवल खबर नहीं बताएगा; यह उस पर्दे को हटाएगा जिसे इंडस्ट्री नहीं चाहती कि आप देखें।

द अनस्पीकन ट्रुथ: डिग्री बनाम कौशल की लड़ाई

हिंटन का बयान, जो टाइम्स ऑफ इंडिया में भी छपा, पहली नज़र में शांत करने वाला लगता है। वह कहते हैं कि डिग्री महत्वपूर्ण है, बस 'सीखते' रहें। लेकिन असली सवाल यह है: क्या सीखा जाए? आज की AI क्रांति में, पारंपरिक CS पाठ्यक्रम तेजी से अप्रासंगिक हो रहे हैं। डिग्री एक टिकट है, हाँ, लेकिन यह सीट की गारंटी नहीं है। असली विजेता वह नहीं होगा जिसके पास डिग्री है, बल्कि वह होगा जो सीखने की प्रक्रिया को स्वचालित (Automate) कर सकता है।

हम जिस **लर्निंग** (सीखने) की बात कर रहे हैं, वह अब कक्षा की चारदीवारी तक सीमित नहीं है। यह 'लगातार अपस्किलिंग' का एक डरावना चक्र है। हिंटन का संदेश एक सूक्ष्म चेतावनी है: यदि आप केवल पाठ्यक्रम पूरा करते हैं, तो AI आपको पीछे छोड़ देगा। यह डिग्री को डी-वैल्यू नहीं करता, बल्कि यह विश्वविद्यालय प्रणाली की धीमी गति को उजागर करता है।

किसका फायदा? विश्वविद्यालय और पुरानी टेक कंपनियाँ। वे डिग्री के मूल्य को बनाए रखकर अपना राजस्व मॉडल सुरक्षित कर रहे हैं। लेकिन नुकसान उन फ्रेशर्स का है जो सोचते हैं कि 20 लाख की डिग्री उन्हें अगले 20 साल तक सुरक्षित रखेगी। यह एक मिथक है।

गहराई से विश्लेषण: क्यों 'सीखना' ही एकमात्र हथियार है?

इतिहास गवाह है कि जब भी कोई मौलिक तकनीक आती है (जैसे औद्योगिक क्रांति या इंटरनेट), तो पुरानी शिक्षा प्रणालियाँ चरमरा जाती हैं। AI एक सॉफ्टवेयर क्रांति नहीं है; यह एक संज्ञानात्मक क्रांति है। सीखने की गति अब किसी भी संस्था की गति से तेज होनी चाहिए। हमें यह समझना होगा कि AI उपकरण अब जटिल कोडिंग कार्यों को संभाल रहे हैं। इसलिए, CS की डिग्री का मूल्य अब 'कोड लिखने' में नहीं, बल्कि 'AI को सही प्रश्न पूछने' (Prompt Engineering) और 'सिस्टम आर्किटेक्चर' में निहित होगा।

यह विश्लेषण मांग करता है कि हम प्रोग्रामिंग भाषाओं पर कम और मौलिक गणित, तर्कशास्त्र, और AI नैतिकता पर अधिक ध्यान केंद्रित करें। यह एक दार्शनिक बदलाव है। यदि आप केवल सिंटैक्स सीख रहे हैं, तो आप हार रहे हैं। AI में नवीनतम विकास तेजी से इस क्षेत्र को बदल रहे हैं।

भविष्य की भविष्यवाणी: 'द ग्रेट स्किल सेपरेशन'

मेरा बोल्ड अनुमान है: अगले पांच वर्षों के भीतर, हम 'द ग्रेट स्किल सेपरेशन' देखेंगे। दो तरह के इंजीनियर होंगे: 1) **AI-एकीकृत (AI-Integrated)**, जो AI को अपने काम में शामिल करते हैं, और 2) **AI-अप्रचलित (AI-Obsolete)**, जो अभी भी 2015 के टूलसेट पर निर्भर हैं। डिग्री दोनों को मिलेगी, लेकिन केवल पहले समूह को उच्च वेतन मिलेगा।

CS डिग्री एक बुनियादी योग्यता रहेगी, लेकिन यह 'मास्टरपीस' बनाने की कुंजी नहीं होगी। असली मास्टरपीस वह बनाएगा जो बिना किसी औपचारिक पाठ्यक्रम के भी, नवीनतम रिसर्च पेपर्स को समझकर उन्हें लागू कर सकता है। यह एक खुला युद्ध है—ज्ञान बनाम प्रमाणन। **लगातार सीखना** ही एकमात्र कवच है।

हमें यह याद रखना होगा कि हिंटन स्वयं एक शोधकर्ता हैं। उनका हित AI की प्रगति में है, न कि केवल पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को बचाने में। यह एक सूक्ष्म, लेकिन महत्वपूर्ण अंतर है।