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होम/पर्यावरण और भू-राजनीतिBy Anvi Khanna Pari Banerjee

जलवायु परिवर्तन: इंडोनेशिया की त्रासदी के पीछे छिपा 'अदृश्य विजेता' कौन है?

जलवायु परिवर्तन: इंडोनेशिया की त्रासदी के पीछे छिपा 'अदृश्य विजेता' कौन है?

इंडोनेशिया की बाढ़ की भयावहता के बीच, जलवायु परिवर्तन के असली आर्थिक लाभार्थी और भविष्य की अनदेखी सच्चाई को जानें।

मुख्य बिंदु

  • इंडोनेशिया में आपदाएँ अब वार्षिक आर्थिक लागत बन चुकी हैं, न कि केवल अप्रत्याशित घटनाएँ।
  • जलवायु संकट के बीच पुनर्निर्माण और जोखिम प्रबंधन से जुड़े निगमों को अप्रत्यक्ष लाभ हो रहा है।
  • भविष्य में बड़े पैमाने पर आंतरिक पलायन दक्षिण पूर्व एशिया की भू-राजनीति को अस्थिर करेगा।
  • इस संकट में समाधान बेचने वाले भी उतने ही जिम्मेदार हैं जितना कि समस्या पैदा करने वाले।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इंडोनेशिया में जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा तात्कालिक खतरा क्या है?

सबसे बड़ा तात्कालिक खतरा समुद्र के बढ़ते स्तर के कारण तटीय क्षेत्रों का डूबना और चरम वर्षा के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन और बाढ़ है, जिससे बुनियादी ढांचा और कृषि नष्ट हो रहे हैं।

जलवायु परिवर्तन के बीच कौन से उद्योग अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं?

बीमा क्षेत्र, बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण ठेकेदार, और वे कंपनियाँ जो 'कार्बन ऑफसेटिंग' या 'ग्रीन टेक्नोलॉजी' समाधानों की आड़ में महंगे उत्पाद बेचती हैं, वे अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं।

क्या इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता से नुसंतारा स्थानांतरित करने से बाढ़ का खतरा कम होगा?

नहीं। राजधानी का स्थानांतरण केवल प्रशासनिक सुविधा के लिए है। जकार्ता का डूबना एक स्थानीय मुद्दा है, जबकि बाढ़ और भूस्खलन का खतरा पूरे द्वीपसमूह पर मंडरा रहा है। यह केवल समस्या को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने जैसा है, समाधान नहीं।

जलवायु शरणार्थी कौन होते हैं और इंडोनेशिया के संदर्भ में वे क्यों महत्वपूर्ण हैं?

जलवायु शरणार्थी वे लोग हैं जिन्हें पर्यावरण परिवर्तनों (जैसे सूखा, बाढ़, समुद्र स्तर में वृद्धि) के कारण अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ता है। इंडोनेशिया के लिए, यह आंतरिक संघर्ष और क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा कर सकता है क्योंकि लाखों लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करेंगे।