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होम/अर्थव्यवस्था और भू-राजनीतिBy Aarohi Joshi Ananya Reddy

पुतिन का अर्थव्यवस्था पर 'गुप्त संदेश': क्या पश्चिमी प्रतिबंध सिर्फ एक भ्रम थे?

पुतिन का अर्थव्यवस्था पर 'गुप्त संदेश': क्या पश्चिमी प्रतिबंध सिर्फ एक भ्रम थे?

पुतिन के हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस का विश्लेषण: पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूसी अर्थव्यवस्था की असली स्थिति क्या है और भविष्य में क्या होगा?

मुख्य बिंदु

  • पश्चिमी प्रतिबंधों का अपेक्षित पतनकारी प्रभाव रूसी अर्थव्यवस्था पर नहीं दिखा है।
  • रूस ने सफलतापूर्वक अपने ऊर्जा व्यापार को पश्चिम से हटाकर एशिया की ओर मोड़ दिया है।
  • भविष्य 'आर्थिक सहनशक्ति' की लड़ाई है, न कि त्वरित सैन्य जीत की।
  • पश्चिमी देशों में उच्च मुद्रास्फीति रूस की आर्थिक रणनीति को अप्रत्यक्ष रूप से सहायता कर रही है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पुतिन के अनुसार, पश्चिमी प्रतिबंधों का रूसी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है?

पुतिन ने जोर देकर कहा कि प्रतिबंधों के बावजूद, रूसी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) बढ़ रहा है, बेरोजगारी कम है, और देश ने अपनी वित्तीय संप्रभुता बनाए रखी है।

रूसी अर्थव्यवस्था की स्थिरता का मुख्य कारण क्या है?

विश्लेषण के अनुसार, मुख्य कारण सैन्य-औद्योगिक परिसर में भारी सरकारी निवेश, एशिया की ओर व्यापार का सफल पुनर्निर्देशन और डॉलर पर निर्भरता कम करना है।

क्या रूस अभी भी तेल और गैस राजस्व पर निर्भर है?

हाँ, लेकिन रूस अब अपने ऊर्जा निर्यात के लिए वैकल्पिक खरीदारों (जैसे भारत और चीन) का उपयोग कर रहा है और स्थानीय उत्पादन क्षमताओं को बढ़ा रहा है ताकि पश्चिमी बाजार की अनुपस्थिति को पूरा किया जा सके।

भविष्य में वैश्विक व्यापार संबंधों का क्या होगा?

भविष्य बहुध्रुवीय वैश्विक व्यापार की ओर इशारा करता है, जहाँ पश्चिमी वित्तीय प्रणालियों का प्रभुत्व कम होगा और आर्थिक गठजोड़ क्षेत्रीय शक्तियों के आसपास केंद्रित होंगे।