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होम/तकनीक और अर्थव्यवस्थाBy Aarav Patel Myra Khanna

फाउंडेशन रोबोट्स: 50,000 इंसानों जैसे रोबोट्स का सच, जो मीडिया आपसे छिपा रहा है

फाउंडेशन रोबोट्स: 50,000 इंसानों जैसे रोबोट्स का सच, जो मीडिया आपसे छिपा रहा है

फाउंडेशन का 2027 तक 50,000 ह्यूमनॉइड रोबोट्स बनाने का ऐलान एक तकनीकी छलांग है, पर असली खेल नौकरियों और शक्ति के केंद्रीकरण का है।

मुख्य बिंदु

  • फाउंडेशन का लक्ष्य 2027 तक 50,000 ह्यूमनॉइड रोबोट्स बनाना है, जो श्रम बाजार को बाधित करेगा।
  • असली विजेता वे निवेशक होंगे जो श्रम लागत में भारी कटौती देखेंगे।
  • यह तकनीक मध्यम वर्ग की नौकरियों के लिए सबसे बड़ा खतरा पैदा करती है, न कि केवल ब्लू-कॉलर नौकरियों के लिए।
  • भविष्य में UBI जैसे कट्टरपंथी आर्थिक समाधानों पर बहस अनिवार्य हो जाएगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

फाउंडेशन किस प्रकार के रोबोट बना रहा है?

फाउंडेशन ह्यूमनॉइड रोबोट्स (इंसानों जैसे दिखने वाले और कार्य करने वाले रोबोट) पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिनका उपयोग विभिन्न औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में किया जा सकता है।

50,000 रोबोट्स का उत्पादन कब तक पूरा होने की उम्मीद है?

फाउंडेशन ने 2027 तक 50,000 ह्यूमनॉइड रोबोट्स बनाने की योजना की घोषणा की है।

मानव नौकरियों पर इसका क्या असर पड़ेगा?

विश्लेषकों का मानना है कि यह बड़े पैमाने पर तकनीकी बेरोजगारी (Technological Unemployment) लाएगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां दोहराव वाले शारीरिक या बुनियादी संज्ञानात्मक कार्य शामिल हैं। यह श्रम शक्ति के पुनर्गठन को मजबूर करेगा।

क्या यह रोबोटिक्स उद्योग में एक बड़ी छलांग है?

हाँ, 50,000 की संख्या बड़े पैमाने पर उत्पादन और व्यावसायीकरण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम दर्शाती है, जो पहले प्रोटोटाइप चरण तक सीमित था।