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होम/टेक्नोलॉजी और भविष्यBy Arjun Chopra Shaurya Bhatia

रेत के कण से छोटे रोबोट: विज्ञान का चमत्कार या निगरानी का नया हथियार? अनकही सच्चाई

रेत के कण से छोटे रोबोट: विज्ञान का चमत्कार या निगरानी का नया हथियार? अनकही सच्चाई

नैनोरोबोटिक्स में क्रांति! रेत से छोटे रोबोट अब तैर सकते हैं और सोच सकते हैं। जानिए इसके पीछे का असली खेल।

मुख्य बिंदु

  • रेत के कण से छोटे रोबोट अब तैर सकते हैं और प्रोग्राम किए जा सकते हैं, जो चिकित्सा में क्रांति ला सकते हैं।
  • असली खतरा चिकित्सा नहीं, बल्कि इन सूक्ष्म उपकरणों के माध्यम से आने वाला अभूतपूर्व निगरानी और नियंत्रण है।
  • वर्तमान कानूनी और नैतिक ढाँचे इस तकनीक के संभावित दुरुपयोग को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह से अपर्याप्त हैं।
  • यह तकनीक भू-राजनीतिक शक्ति संतुलन को बदल सकती है, क्योंकि नियंत्रण करने वाली शक्तियाँ हावी होंगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ये नैनोरोबोट्स वास्तव में कितने छोटे हैं?

ये रोबोट आमतौर पर मानव बाल के व्यास से भी छोटे होते हैं, अक्सर एक रेत के दाने के आकार से भी कम, जो उन्हें सूक्ष्म स्तर पर कार्य करने की अनुमति देता है।

क्या इन रोबोटों का उपयोग दवा देने के लिए किया जा सकता है?

हाँ, इनका प्राथमिक और सबसे प्रचारित उपयोग शरीर के अंदर, विशेष रूप से कैंसर कोशिकाओं तक दवाएं सटीक रूप से पहुंचाने (Targeted Drug Delivery) के लिए है।

नैनोरोबोटिक्स के साथ सबसे बड़ा नैतिक खतरा क्या है?

सबसे बड़ा खतरा गोपनीयता का उल्लंघन और अनियंत्रित निगरानी है, क्योंकि ये डिवाइस अदृश्य रूप से डेटा एकत्र कर सकते हैं।

क्या ये रोबोट मानव शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं?

सैद्धांतिक रूप से, यदि उनका नियंत्रण खो जाता है या वे दुर्भावनापूर्ण रूप से प्रोग्राम किए जाते हैं, तो वे जैविक प्रणालियों में रुकावट पैदा कर सकते हैं, हालांकि वर्तमान शोध सुरक्षा पर केंद्रित है।