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होम/पर्यावरण और अर्थशास्त्रBy Aarav Kumar Kiara Banerjee

सर्दियों का अंत? हिम-आधारित पर्यटन का वो काला सच जो स्की रिसॉर्ट्स छिपा रहे हैं

सर्दियों का अंत? हिम-आधारित पर्यटन का वो काला सच जो स्की रिसॉर्ट्स छिपा रहे हैं

जलवायु परिवर्तन 'स्कीइंग' को कैसे मार रहा है? असली विजेता और हारने वाले कौन हैं? गहरा विश्लेषण यहाँ।

मुख्य बिंदु

  • कृत्रिम बर्फ की तकनीकें बढ़ती गर्मी के सामने अप्रभावी साबित हो रही हैं।
  • केवल स्कीइंग पर निर्भर रिसॉर्ट्स आर्थिक रूप से ढह जाएंगे; बहु-मौसम पर्यटन ही एकमात्र रास्ता है।
  • शीतकालीन संस्कृति और अल्पाइन समुदायों का अस्तित्व खतरे में है।
  • 2040 तक, कई मध्यम ऊंचाई वाले स्की रिसॉर्ट्स स्थायी रूप से बंद हो सकते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या कृत्रिम बर्फ (Artificial Snow) एक स्थायी समाधान है?

नहीं। कृत्रिम बर्फ बनाने के लिए लगातार ठंडे तापमान की आवश्यकता होती है, जो जलवायु परिवर्तन के कारण दुर्लभ होता जा रहा है। इसके अलावा, यह पानी और ऊर्जा का अत्यधिक उपभोग करती है।

जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले स्की क्षेत्र कौन से हैं?

मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्र, जैसे कि आल्प्स के निचले हिस्से और उत्तरी अमेरिका के कुछ पुराने रिसॉर्ट्स, सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि उनके पास प्राकृतिक रूप से उच्च क्षेत्रों में जाने का विकल्प नहीं है।

भारत में शीतकालीन खेलों का भविष्य क्या है?

भारत में (जैसे हिमाचल और उत्तराखंड), अनियमित मौसम और ग्लेशियरों के पिघलने के कारण स्कीइंग सीजन छोटा और अविश्वसनीय हो रहा है। अनुकूलन आवश्यक है।

स्की उद्योग के लिए 'असली विजेता' कौन हैं?

वे कंपनियां और रिसॉर्ट्स जो 'ऑल-सीज़न' गतिविधियों (जैसे माउंटेन बाइकिंग, हाइकिंग) में विविधता ला रहे हैं, और जो उच्च ऊंचाई वाले, अधिक विश्वसनीय क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं।