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8 दिसंबर का वो 'गुप्त' नियम: क्या प्री-ओपन सेशन में बड़ी चाल चल रहा है बाजार?

8 दिसंबर का वो 'गुप्त' नियम: क्या प्री-ओपन सेशन में बड़ी चाल चल रहा है बाजार?

भारतीय शेयर बाजार में 8 दिसंबर से प्री-ओपन सेशन में बड़ा बदलाव आया है। जानिए, यह सिर्फ प्रक्रियागत बदलाव है या पर्दे के पीछे की कोई बड़ी साजिश।

मुख्य बिंदु

  • 8 दिसंबर से प्री-ओपन सत्र के नियमों में तकनीकी बदलाव लागू हुए हैं।
  • यह बदलाव अस्थिरता कम करने के बजाय, बड़े खिलाड़ियों को शुरुआती पोजीशन लॉक करने में मदद कर सकता है।
  • खुदरा निवेशकों को अब ऑर्डर प्लेसमेंट के समय को लेकर अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होगी।
  • भविष्य में, बाजार खुलने के पहले मिनटों में कीमत में अधिक तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्री-ओपन सेशन में यह बदलाव क्यों किया गया?

मुख्य कारण बाजार खुलने के समय होने वाली अत्यधिक अस्थिरता को कम करना और ऑर्डर प्लेसमेंट की प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित बनाना बताया गया है।

क्या इस बदलाव से छोटे निवेशकों को नुकसान होगा?

संभावित रूप से हाँ। चूंकि प्रतिक्रिया का समय कम हो गया है, हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडर्स (HFTs) को फायदा हो सकता है, जिससे छोटे निवेशकों के लिए अच्छी एंट्री पॉइंट ढूंढना मुश्किल हो सकता है।

प्री-ओपन सेशन वास्तव में कितने बजे से कितने बजे तक चलता है?

यह सत्र आमतौर पर सुबह 9:00 बजे से 9:15 बजे तक चलता है, जिसमें ऑर्डर प्लेसमेंट और संशोधन के लिए अलग-अलग समय स्लॉट होते हैं।

क्या अन्य वैश्विक बाजारों में भी ऐसे नियम हैं?

हाँ, दुनिया भर के प्रमुख एक्सचेंज अपनी बाजार अखंडता सुनिश्चित करने के लिए प्री-मार्केट ट्रेडिंग में विभिन्न स्तरों के नियंत्रण और समय सीमा का उपयोग करते हैं।