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होम/प्रौद्योगिकी और विश्लेषणBy Pari Banerjee Shaurya Bhatia

IBM का 50 लाख युवाओं का वादा: क्या यह भारत के साइबर सुरक्षा संकट का असली समाधान है या सिर्फ एक कॉर्पोरेट ड्रामा?

IBM का 50 लाख युवाओं का वादा: क्या यह भारत के साइबर सुरक्षा संकट का असली समाधान है या सिर्फ एक कॉर्पोरेट ड्रामा?

IBM की 5 मिलियन युवाओं को AI और साइबर सुरक्षा में स्किलिंग की घोषणा के पीछे का छिपा एजेंडा क्या है? जानिए भारत की साइबर सुरक्षा की हकीकत।

मुख्य बिंदु

  • IBM का लक्ष्य 5 मिलियन युवाओं को प्रशिक्षित करना है, लेकिन प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर संदेह है।
  • यह पहल IBM के लिए बाजार हिस्सेदारी सुरक्षित करने और भविष्य के ग्राहकों को तैयार करने की एक रणनीतिक चाल है।
  • क्वांटम कंप्यूटिंग पर जोर भविष्य के क्रिप्टोग्राफी खतरों के लिए तैयारी का संकेत है।
  • केवल संख्या वृद्धि से वास्तविक साइबर सुरक्षा कौशल अंतराल दूर नहीं होगा; गुणवत्ता पर ध्यान देना आवश्यक है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

IBM की इस स्किलिंग पहल का मुख्य फोकस क्या है?

इस पहल का मुख्य फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर सुरक्षा (Cybersecurity), और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे भविष्य के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारतीय युवाओं को प्रशिक्षित करना है।

क्या 50 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने से भारत का साइबर सुरक्षा संकट हल हो जाएगा?

विश्लेषण के अनुसार, केवल संख्या वृद्धि से संकट हल नहीं होगा। यदि प्रशिक्षण की गुणवत्ता कम है, तो यह केवल शैक्षिक मुद्रास्फीति पैदा करेगा, वास्तविक विशेषज्ञता प्रदान नहीं करेगा।

IBM इस कार्यक्रम से व्यावसायिक रूप से कैसे लाभान्वित होगा?

IBM अपने प्लेटफॉर्म और उपकरणों पर प्रशिक्षित कार्यबल तैयार करके भविष्य के ग्राहकों और प्रतिभा पूल को सुरक्षित कर रहा है, जिससे क्लाउड और सुरक्षा समाधानों में उनकी बाजार हिस्सेदारी मजबूत होगी।

क्वांटम कंप्यूटिंग का इस पहल में क्या महत्व है?

क्वांटम कंप्यूटिंग का महत्व भविष्य के क्रिप्टोग्राफी हमलों (क्वांटम शॉकवेव) से निपटने के लिए भारत को पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी समाधानों में अग्रणी बनाना है।