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होम/व्यापार और अर्थशास्त्रBy Aditya Patel Kiara Banerjee

NielsenIQ की रिपोर्ट का सच: कौनसे 'इनोवेशन' आपको बर्बाद करने वाले हैं? असली विजेता कौन?

NielsenIQ की रिपोर्ट का सच: कौनसे 'इनोवेशन' आपको बर्बाद करने वाले हैं? असली विजेता कौन?

NielsenIQ के डेटा में छिपी 'इनोवेशन' की कड़वी सच्चाई। जानिए क्यों ज्यादातर नए उत्पाद फ्लॉप होते हैं और असली सफलता का रहस्य क्या है।

मुख्य बिंदु

  • सफल इनोवेशन अक्सर क्रांतिकारी नहीं, बल्कि स्थापित विश्वास पर छोटे सुधार होते हैं।
  • छोटे ब्रांड्स के लिए 'ट्रस्ट कैपिटल' की कमी असली बाधा है, न कि विचारों की कमी।
  • भविष्य में, AI नवाचार की दिशा तय करेगा, जिससे रचनात्मकता पर खतरा मंडरा सकता है।
  • अधिकांश नए उत्पाद इसलिए विफल होते हैं क्योंकि वे उपभोक्ता की आदत तोड़ने का जोखिम नहीं लेते।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

NielsenIQ की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश नए उत्पाद क्यों विफल होते हैं?

रिपोर्ट के विश्लेषण के अनुसार, अधिकांश उत्पाद इसलिए विफल होते हैं क्योंकि वे मौजूदा उपभोक्ता आदतों को तोड़ने के लिए पर्याप्त मजबूत या आकर्षक प्रस्ताव नहीं देते, या वे बहुत अधिक जोखिम वाले (क्रांतिकारी) होते हैं जिन्हें उपभोक्ता तुरंत स्वीकार नहीं करता।

बाजार में सफल इनोवेशन के लिए सबसे महत्वपूर्ण रणनीति क्या है?

सबसे महत्वपूर्ण रणनीति निरंतर, छोटे सुधारों की एक श्रृंखला बनाना है जो उपभोक्ता को यह महसूस कराता रहे कि ब्रांड विकसित हो रहा है, जबकि मूल उत्पाद की विश्वसनीयता बनी रहे। यह अचानक बड़े बदलाव से अधिक प्रभावी है।

AI का भविष्य के उत्पाद नवाचारों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

भविष्य में, AI वास्तविक समय में उपभोक्ता डेटा के आधार पर उत्पाद डिजाइन और स्वाद को अनुकूलित करेगा। इससे नवाचार की गति बढ़ेगी लेकिन साथ ही, यह मानव रचनात्मकता को सीमित करके नवाचार को केंद्रीकृत (Centralized) कर सकता है।

क्या छोटे स्टार्टअप्स के लिए बड़े ब्रांड्स से प्रतिस्पर्धा करना संभव है?

यह कठिन है क्योंकि बड़े ब्रांड्स के पास 'ट्रस्ट कैपिटल' होता है। छोटे स्टार्टअप्स को अपनी विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए बड़े ब्रांड्स की तुलना में अधिक क्रांतिकारी या विशिष्ट मूल्य प्रस्ताव की आवश्यकता होती है।