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होम/अर्थव्यवस्था और विश्लेषणBy Krishna Singh Ananya Reddy

यूरोप की 'उत्पादकता क्रांति' का छिपा सच: मैकिन्से किसके लिए जीत की योजना बना रहा है?

यूरोप की 'उत्पादकता क्रांति' का छिपा सच: मैकिन्से किसके लिए जीत की योजना बना रहा है?

यूरोपीय उत्पादकता पुनरुद्धार योजना की सतह के नीचे क्या है? जानिए कौन हारेगा और असली विजेता कौन है।

मुख्य बिंदु

  • मैकिन्से की योजना का छिपा लक्ष्य श्रम लागत कम करना और शेयरधारक मूल्य बढ़ाना है, न कि आम नागरिक का उत्थान।
  • उत्पादकता वृद्धि से सामाजिक असमानता बढ़ सकती है यदि लाभ का वितरण ठीक से न किया गया।
  • यूरोप ऊर्जा और जनसांख्यिकी के दबाव में है, जिससे यह तकनीकी समाधान पर अत्यधिक निर्भर हो गया है।
  • भविष्य में, हम अल्पकालिक उत्पादन उछाल देखेंगे जिसके बाद कौशल अंतराल के कारण सामाजिक तनाव बढ़ेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यूरोपीय उत्पादकता पुनरुद्धार योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इसका घोषित उद्देश्य धीमी आर्थिक वृद्धि को उलटना और यूरोपीय व्यवसायों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना है, मुख्य रूप से डिजिटलीकरण और स्वचालन के माध्यम से।

उत्पादकता वृद्धि का सबसे बड़ा जोखिम क्या है?

सबसे बड़ा जोखिम यह है कि उत्पादकता में वृद्धि से व्यापक रोजगार सृजन या वेतन वृद्धि नहीं होगी, बल्कि यह नौकरियों की संख्या कम कर देगी और मौजूदा असमानता को बढ़ा देगी।

मैकिन्से की रिपोर्ट में किस बात पर कम ध्यान दिया गया है?

रिपोर्ट ने सामाजिक प्रभाव, श्रमिकों के अधिकारों पर संभावित नकारात्मक असर, और प्रौद्योगिकी के स्वामित्व के केंद्रीकरण पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है।

यूरोप की वर्तमान आर्थिक स्थिति क्यों चिंताजनक है?

यूरोप जनसांख्यिकीय चुनौतियों (बूढ़ी होती आबादी) और उच्च ऊर्जा लागतों के कारण नवाचार और उत्पादन क्षमता में अमेरिका और एशिया से पिछड़ रहा है।