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होम/खेल और राजनीतिBy Ananya Joshi Arjun Khanna

वाराणसी में साइकिल का शोर: 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की आड़ में असली 'खेल' कौन खेल रहा है?

वाराणसी में साइकिल का शोर: 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की आड़ में असली 'खेल' कौन खेल रहा है?

भारत की 2030 CWG मेजबानी की घोषणा के बाद वाराणसी में 'फिट इंडिया साइकलिंग' का शोर। पर्दे के पीछे का आर्थिक सच और राजनीतिक दांव क्या हैं?

मुख्य बिंदु

  • CWG 2030 की मेजबानी का जश्न एक बड़े आर्थिक और राजनीतिक ढांचे का हिस्सा है, न कि केवल खेल प्रचार।
  • मेगा इवेंट्स अक्सर बुनियादी ढांचे के नाम पर कुछ चुनिंदा समूहों को लाभ पहुंचाते हैं, जिससे स्थानीय करदाताओं पर बोझ पड़ता है।
  • वाराणसी की साइकिलिंग इवेंट्स सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाती हैं, जो स्वास्थ्य को राष्ट्रवाद से जोड़ती हैं।
  • भविष्य में, खेल विकास का ध्यान अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर केंद्रित होगा, जिससे जमीनी स्तर के एथलीटों के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

राष्ट्रमंडल खेल 2030 भारत में कहाँ आयोजित होंगे?

राष्ट्रमंडल खेल 2030 की मेजबानी भारत को सौंपी गई है, हालांकि विशिष्ट मेजबान शहर की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन वाराणसी जैसे शहरों में शुरुआती उत्सव शुरू हो चुके हैं।

फिट इंडिया मूवमेंट का CWG 2030 से क्या संबंध है?

फिट इंडिया मूवमेंट का उपयोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है, जिसे CWG 2030 मेजबानी के साथ जोड़कर एक व्यापक राष्ट्रीय उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।

बड़े खेल आयोजनों के आयोजन से जुड़े मुख्य आर्थिक जोखिम क्या हैं?

मुख्य जोखिमों में अत्यधिक सार्वजनिक खर्च, अनुमानित राजस्व से अधिक लागत, अप्रयुक्त स्टेडियमों (व्हाइट एलिफेंट्स) का बोझ, और निर्माण के दौरान स्थानीय समुदायों का विस्थापन शामिल है।

क्या यह कार्यक्रम वास्तव में जमीनी स्तर के खेलों को बढ़ावा देगा?

विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के बड़े आयोजनों में अधिकांश धन शीर्ष स्तरीय बुनियादी ढांचे और अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खर्च होता है, जिससे जमीनी स्तर के खेल विकास के लिए धन की कमी हो सकती है।