समाचार पर वापस जाएं
होम/वैश्विक राजनीति और समाजBy Riya Bhatia Pari Banerjee

शिक्षा पर हमले का सच: कौन चाहता है कि आपका बच्चा अज्ञानी रहे? (9 सितंबर विश्लेषण)

शिक्षा पर हमले का सच: कौन चाहता है कि आपका बच्चा अज्ञानी रहे? (9 सितंबर विश्लेषण)

शिक्षा पर हमले का अंतर्राष्ट्रीय दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं है; यह वैश्विक शक्ति संतुलन की खामोश जंग है। असली विजेता कौन है?

मुख्य बिंदु

  • शिक्षा पर हमला केवल बमबारी नहीं है; यह पाठ्यक्रम नियंत्रण और डिजिटल विभाजन के माध्यम से भी होता है।
  • असली विजेता वे हैं जो सूचना और जनमानस के विचार प्रवाह को नियंत्रित करते हैं।
  • भविष्य में खतरा भौतिक हमलों से अधिक 'शैक्षणिक दिवालियेपन' और AI-जनित डिजिटल विभाजन से है।
  • शिक्षा में बाधा डालना सीधे तौर पर देश की दीर्घकालिक आर्थिक क्षमता को नष्ट करता है।

गैलरी

शिक्षा पर हमले का सच: कौन चाहता है कि आपका बच्चा अज्ञानी रहे? (9 सितंबर विश्लेषण) - Image 1
शिक्षा पर हमले का सच: कौन चाहता है कि आपका बच्चा अज्ञानी रहे? (9 सितंबर विश्लेषण) - Image 2
शिक्षा पर हमले का सच: कौन चाहता है कि आपका बच्चा अज्ञानी रहे? (9 सितंबर विश्लेषण) - Image 3
शिक्षा पर हमले का सच: कौन चाहता है कि आपका बच्चा अज्ञानी रहे? (9 सितंबर विश्लेषण) - Image 4

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शिक्षा पर हमले का अंतर्राष्ट्रीय दिवस पहली बार कब मनाया गया था?

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 25 मई 2019 को शिक्षा पर हमलों की रोकथाम के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस की घोषणा की थी, और इसे पहली बार 9 सितंबर 2020 को मनाया गया था।

शिक्षा पर हमले से सबसे अधिक कौन से देश प्रभावित होते हैं?

संघर्षरत क्षेत्र जैसे कि अफगानिस्तान, सीरिया, यमन, और साहेल क्षेत्र (जैसे नाइजर, माली) के बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, जहाँ स्कूल बंद करना या शिक्षकों को निशाना बनाना आम बात है।

शिक्षा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?

उपायों में स्कूलों को सैन्य लक्ष्यों के रूप में उपयोग करने से बचना, शिक्षा कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, और संघर्ष के दौरान भी वैकल्पिक शिक्षण विधियों (जैसे ऑनलाइन शिक्षा) को मजबूत करना शामिल है।

शिक्षा का अधिकार (Right to Education) क्या है?

शिक्षा का अधिकार एक मानवाधिकार है जो सभी को मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने का हक देता है, जैसा कि मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संधियों में मान्यता प्राप्त है।