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होम/अर्थव्यवस्था और विश्लेषणBy Anvi Khanna Diya Sharma

4.7% बेरोज़गारी दर: यह सिर्फ़ आंकड़ा नहीं, अर्थव्यवस्था का छिपा हुआ 'ज़हर' है!

4.7% बेरोज़गारी दर: यह सिर्फ़ आंकड़ा नहीं, अर्थव्यवस्था का छिपा हुआ 'ज़हर' है!

नवंबर में 4.7% की रिकॉर्ड कम बेरोज़गारी दर के पीछे की कड़वी सच्चाई क्या है? जानिए कौन बना असली विजेता।

मुख्य बिंदु

  • 4.7% की गिरावट मुख्य रूप से श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) में गिरावट के कारण है, न कि नई गुणवत्तापूर्ण नौकरियों के सृजन से।
  • उच्च शिक्षित युवाओं के लिए आकर्षक अवसरों की कमी एक गंभीर संरचनात्मक समस्या बनी हुई है।
  • यह आंकड़ा अल्पकालिक राहत दे सकता है, लेकिन यह भविष्य के उपभोक्ता खर्च और आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा है।
  • असली फोकस अब नौकरियों की संख्या से हटकर उनकी गुणवत्ता (वेतन और स्थायित्व) पर होना चाहिए।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नवंबर में बेरोज़गारी दर 4.7% होने का क्या मतलब है?

इसका मतलब है कि आधिकारिक तौर पर काम चाहने वाले लोगों में से 4.7% लोगों को काम नहीं मिला। हालांकि, यह आंकड़ा उन लोगों को शामिल नहीं करता जिन्होंने काम खोजना छोड़ दिया है।

श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) क्यों महत्वपूर्ण है?

LFPR बताता है कि काम करने की उम्र की कितनी आबादी वास्तव में काम की तलाश कर रही है। इसका गिरना यह संकेत देता है कि लोग हताश होकर बाजार से बाहर निकल रहे हैं, जो अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक संकेत है।

क्या यह आंकड़ा आर्थिक सुधार का सच्चा संकेत है?

एक विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से, नहीं। यह केवल एक 'आंकड़ा प्रबंधन' हो सकता है। गुणवत्तापूर्ण रोज़गार सृजन के बिना, यह सुधार टिकाऊ नहीं है।

भारत में 'जॉबलेस ग्रोथ' का क्या अर्थ है?

जॉबलेस ग्रोथ तब होती है जब सकल घरेलू उत्पाद (GDP) बढ़ता है, लेकिन उस विकास के अनुरूप पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं होती हैं, जिससे आर्थिक लाभ कुछ ही लोगों तक सीमित रह जाता है।