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Huddle Global ’25: नवाचार का शोर या सिर्फ एक और इवेंट? असली खिलाड़ी कौन हैं?

Huddle Global ’25: नवाचार का शोर या सिर्फ एक और इवेंट? असली खिलाड़ी कौन हैं?

हडल ग्लोबल ’25 में स्टार्टअप्स पर फोकस है, लेकिन क्या यह सिर्फ दिखावा है? जानिए असली दांव और भारत के 'स्टार्टअप इकोसिस्टम' का भविष्य।

मुख्य बिंदु

  • हडल ग्लोबल ’25 मुख्य रूप से स्थापित वीसी और बड़े कॉर्पोरेट्स के लिए नेटवर्किंग का मंच है, न कि जमीनी नवाचार का समर्थन करने वाला प्लेटफॉर्म।
  • असली खतरा यह है कि यह इवेंट फंडिंग के केंद्रीकरण को बढ़ावा देगा, जिससे टियर-2/3 के स्टार्टअप्स पीछे छूट जाएंगे।
  • अगले 18 महीनों में 'द ग्रेट कंसोलिडेशन' की भविष्यवाणी है, जहां केवल राजस्व-केंद्रित स्टार्टअप्स ही जीवित रहेंगे।
  • भारत में असली प्रगति के लिए नियामक सुधार और बुनियादी ढांचे में निवेश अधिक महत्वपूर्ण है, न कि केवल हाई-प्रोफाइल इवेंट्स।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हडल ग्लोबल ’25 का मुख्य फोकस क्या है?

इसका मुख्य फोकस नवाचार (Innovation), स्टार्टअप्स और उद्यमिता को बढ़ावा देना है, हालांकि इसकी आलोचना फंडिंग के केंद्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए भी की जाती है।

भारत में स्टार्टअप फंडिंग का वर्तमान रुझान क्या है?

वर्तमान रुझान फंडिंग में धीमी गति और बड़े शहरों तथा विशिष्ट क्षेत्रों (जैसे फिनटेक) में फंडिंग के अत्यधिक केंद्रीकरण की ओर इशारा करता है।

एक स्टार्टअप के लिए 'नवाचार' के अलावा सबसे महत्वपूर्ण क्या है?

विश्लेषण के अनुसार, फंडिंग की तलाश करने के बजाय राजस्व-केंद्रित होना और परिचालन स्थिरता (Operational Sustainability) पर ध्यान केंद्रित करना अधिक महत्वपूर्ण है।

क्या ऐसे इवेंट्स छोटे स्टार्टअप्स की मदद करते हैं?

ये इवेंट्स दृश्यता प्रदान करते हैं, लेकिन अक्सर छोटे स्टार्टअप्स को बड़े खिलाड़ियों के अधिग्रहण या भारी शर्तों के सामने झुकने के लिए मजबूर करते हैं, जिससे उनकी स्वायत्तता खतरे में पड़ जाती है।

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